मोती लाल साहु 25 May 2023 कविताएँ समाजिक सिर्फ याद है मुझे उसका ठिकाना, दिल में इस तरह से बसा है- भूल गया मैं अपना ठिकाना सिर्फ याद है मुझे उसका ठिकाना ये दिल-ए-हाल है मेरा। 6140 0 Hindi :: हिंदी
दिल में इस तरह से बसा है! ये दिल-ए-हाल है मेरा- भूल गया मैं अपना ठिकाना, सिर्फ याद है मुझे उसका ठिकाना दिल में इस तरह से बसा है!! -मोती