Ajay kumar suraj 30 Mar 2023 आलेख समाजिक #आलेख #कहानियां #कविताएं #बहुत नम थी पापा की आँखे #राजनीतिक#प्यार-मोहब्बत 70104 0 Hindi :: हिंदी
पहली बार पापा बहुत दुःखी थे बहुत ही नम थी उनकी आंखें,बड़े रुंधे स्वर में उन्होंने कहा मत जाओ। पर मजबूरियों ने आज्ञा का उलंघन करने को विवश कर दिया था। कितना प्यार ओ हमसें करते है , वो मैं और पापा ही जानते हैं। बस पापा की एक ही गलती रही वो भावुक है लोगो की बातों में आ जाते है। वर्तमान के इंसानों की उन्हें पहचान नहीं। आज का इंसान अश्वशेन सर्प से भी धोखेबाज है। पर मासूम को धोखे क्या पता। वो तो इसी विश्वास में रहता है कि सब नेक और अच्छे है। जैसे पापा का मन शांत सुंदर भाउक छवि का है वैसे ही वो दुसरो को समझते है। और उसी के चलते आज अपनों को खोये जा रहें है।