AJAY ANAND 07 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत पड़ोसन, खिड़की, अंगड़ाई लेती हुई लड़की, सूरज की किरणें 8258 0 Hindi :: हिंदी
सूरज की पहली रोशनी, जब आती सीधी ..! दिखाई देते, मेरे घर के, सामने वाली खिड़की .!! उस खिड़की से, अंगराई लेती हुई बंद आंखें की हुई, सामने नजर आती एक खूबसूरत लड़की..! मेरे घर के, सामने वाली खिड़की .!! दिन पूरे बीत जाते , ये सोचकर..! कह दूंगा, आज मन बात..! देखने को तुम्हें, करवटें बदलते रहता हूं पुरे रात..! चांद की चांदनी, जब लेते आती अपनी रोशनी धुंधली सी दिखाई पड़ती उसकी परछाई मेरे घर के, सामने वाली खिड़की .!! हर अदा पर उसके फिदा हुआ था मैं.. बात जुबां पर तो है, पर क्या कहें। कुछ दिनों की ही तो बात है, पड़ोसन बनकर , मेरे घर के सामने रहने वह आई। मेरे घर के, सामने वाली खिड़की .!! मेरे नेक इरादे वह भांप चुकी। मेरे प्रेम के आगे वह भी झुकी। पड़ोसन, वह पड़ोसन ना रही देख दोनों को मिलते घरवालें कर दी हम-दोनों शादी..!