Rupesh Singh Lostom 11 May 2023 शायरी दुःखद तू जान थी कभी 4830 0 Hindi :: हिंदी
तू जान थी कभी अरमान थी कभी मेरी बुझती सासों की तू चीराग थी कभी तुझे चाहा था इश्क़ से ज्यादा पर मैं समझ न पाया तेरा इरादा इस लिए तू इश्क़ से दूर हो गई मैं आज भी बही जहा तू छोड़ के गई काश तू सुन पाती वक्त के आबाज़ ना हम दूर होते ना गमो में चूर होते ना तड़पते यू ही तुम और हम अगर तुम मेरे हुजूर होते