Jyoti yadav 13 Jan 2024 ग़ज़ल धार्मिक दिवाली हुईं मेरी 6139 0 Hindi :: हिंदी
दिवाली हुईं मेरी घर मेरे राम आएं है सज गई अवध हमारी कलयुग में नया विहान लाए हैं मुबारक मुबारका मुबारका मुबारका प्रेम भाव जगाने ईर्ष्या द्वेश मिटाने देने अच्छाई का पैगाम आएं है करने हकीकत ख्वाब आएं है घर मेरे राम आएं है मुबारका मुबारका मुबारका मुबारका खत्म हुआ इंतजार वर्षों का काट अपना वनवास आएं है तारों से सजा दूं अंगना घर मेरे राम आएं है मुबारका मुबारका मुबारका मुबारका बिच भंवर में फंसीं थी नौका कलयुग की सतयुग के खेवनहार आएं है अब नहीं चिंता कोई घर मेरे राम आएं है मुबारका मुबारका मुबारका मुबारका ज्योति यादव के कलम से कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर उत्तर प्रदेश 🙏♥️