Meenakshi Tyagi 23 Mar 2024 आलेख समाजिक संपूर्ण मानवता 7057 0 Hindi :: हिंदी
प्रिय पाठकों, इस होली पर ढूंढ रही हू कुछ खोए हुए मानवता के रंग जो वक्त के साथ साथ इस आधुनिकता में कही खो गए हैं। होली के चमकदार, रंग बिरंगे रंग सभी व्यक्तियों को अच्छे लगते हैं पर इन रंगो के साथ ही हर व्यक्ति की हार्दिक इच्छा उन रंगो में रंगने की भी होती है जो इस समाज की जड़ है और वो है मानवता के रंग - जिनमे से एक रंग है सम्मान का रंग - आदर का रंग जो हर वो व्यक्ति चाहता है जो हमसे उम्र में बड़ा है और ये सम्मान का रंग हम उन्हे सिर्फ होली के दिन ही नही बल्कि हर रोज लगाना चाहिए। फिर आता है प्रेम का रंग जो हम उम्र व्यक्ति चाहते हैं चाहे वो हमारे परिवार के सदस्य हो या फिर हमारे मित्र, रिश्तेदार। और एक रंग है स्नेह का रंग जिसे हम अपने छोटो को लगाते है तो वो ऐसे निखरकर आते है कि फिर दुनिया की हर चमक उनके आगे फीकी है, पर खो गए हैं ये प्यारे रंग इस आधुनिकता की दौड़ में - परिवर्तन ही संसार का नियम है बस यही सोच कर अपने दिल को बहलाती हूं । तो मुझसे बड़े हर एक व्यक्ति को मेरी तरफ से सम्मान का रंग, मेरे हमउम्र को मेरे प्रेम का रंग और मुझसे उम्र में छोटे हर व्यक्ति को स्नेह से भरा रंग मुबारक हो ।। हैप्पी होली 🙏