DINESH KUMAR SARSHIHA 21 Jun 2023 कहानियाँ समाजिक #विनम्रता#भले आदमी की कहानी 7600 0 Hindi :: हिंदी
किसी गाँव मे एक विद्याभूषण नाम का एक पंडित रहता था।वह बहुत ही ज्ञानी-विद्वान था।उसकी ख्याति दूर-दूर तक थी।उसी गांव में उसका एक पड़ोसी रामसेवक भी रहता था।वह बहुत कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद बहुत ही नम्र और व्यवहारिक व्यक्ति था।पंडित जी उसकी बहुत उपेक्षा किया करते थे।उन्हें लगता था कि रामसेवक के कम पढ़े-लिखे होने पर भी लोग उन्हें इतना सम्मान देते हैं।एक दिन उस गाँव में एक व्यक्ति एक दुकान के सामने जाकर पंडितजी का पता पूछ रहे थे।पंडित जी वही टहल रहे थे।तभी दुकानदार ने "मुझे किसी पंडितजी का मकान नहीं मालूम" करके मना कर देते हैं।पंडित वहीं दूर खड़े बातचीत सुन रहे थे।तब उस व्यक्ति ने रामसेवक का घर पूछा तो तो दुकानदार नम्र भाव से पता बता दिया।तब फिर दुकानदार ने कहा कि लेकिन आप तो पंडितजी का मकान पूछ रहे थे।आपको पंडित जी से काम है या रामसेवक जी से।व्यक्ति बोला-भाई! काम तो मुझे रामसेवक जी से ही है,पर उन्होंने ही बताया था कि उनका मकान पण्डित विद्याभूषण जी के घर के पास है।यह सुन रहे पंडितजी ग्लानि से भर गए।वे सोचने लगे कि उन्होंने हमेशा रामसेवक का मजाक ही उड़ाया है,हीन समझ उपेक्षा किया,परन्तु रामसेवक कितना विनम्र है।वह स्वयं मुझसे ज्यादा प्रसिद्ध होते हुए भी मुझे ज्यादा महत्व देता है।उसी दिन पंडितजी रामसेवक के घर जाकर क्षमा याचना की और उस दिन के बाद दोनों गहरे दोस्त बन गए।।
I am fond of writing Poetry and Articles.I enjoy writing about culture,social and divine subjects.S...