*स्वातंत्र्य राष्ट्र* जाने कितने वीरों ने अपनी जान गवाई होगी, तब जाकर के भारत ने आजादी पाई होगी, भारत की माटी का शत-शत वंदन करते हैं बलिवेदी पर मिटने वालो का दिल से अभिनंदन करते हैं, कली कली खिल रही यहां पर रहे फूल मुस्कुरा, जन गण मन से गूंज रहा है सारा हिंदुस्ता, वंदेमातरम भारत माता के गीतों को हम गाते हैं, भारत भू की शुचिता का हर पल गुणगान सुनाते हैं, हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई रहते हैं यहां प्रेम से, अजान हो या आरती गाते हैं सब प्रेम से, देवभूमि यह स्वर्ग से प्यारी वीरों की परिपाटी हैं, जहां हुए बलिदान लाडले वीरों की यह माटी हैं, देश के खुशियों के खातिर वीरों ने जान गवाई हैं, रह सके सब मिलजुल कर इससे प्रेरणा पाई हैं, रागिनी परिहार रीवा स्वरचित रचना