गहरी खामोशी का समंदर
एक गहरी खामोशी का समंदर हूं मैं,
हां मैं हूं वही जो कल था और आज भी है और कल भी रहूंगा,
तू झांक कर तो देख तेरे अंदर हूं read more >>
ज़िंदगी और मौत के बीच
सांसों की एक लकीर है,
जन्म से यह लकीर बनती है
और मौत पर आ मिटती है,
सब कुछ इसके दो छोरों के बीच का खेल है,
कभी बचपन, क� read more >>