सजल सुजल सुप्रभात -
रवि से उज्ज्वल जगत ;
पुष्प खिले भू - आँचल में ,
भ्रमर गीत सुनाए बागाँचल में,
पूजा थाल सजाए थल में ,
रवि को अर्पण किया न� read more >>
सजल सुजल सुप्रभात -
रवि से उज्ज्वल जगत ;
पुष्प खिले भू - आँचल में ,
भ्रमर गीत सुनाए बागाँचल में,
पूजा थाल सजाए थल में ,
रवि को अर्पण किया न� read more >>
रे मन यूं न कर रे विलाप !
कब - तक करोगे विलाप ,
रे मन जाग जा रे अब !
रे मन बोल ,रे मन बोल !
हरि नाम तू एक बार बोल,
बन रे प्रेम भिखारी
बन के हरि की � read more >>
निशा से चला -
सारें दिशाओं से चला ;
पाला लिऐ पवन ,
ठिठुर रहा रज़ाई -
सारी रात -
ठिठुर के रज़ाई में लूँ अंगड़ाई ।
जल्दी से उठो सूरज भाई -
रा read more >>
संघर्ष हैं कितने-
इस जीवन में ,
गीरना चलना है
फिर संघर्ष से लड़ना है ,
इस जीवन में ;
जीना इस संसार में-
हजारों काँटों के बीच -
फूल खिले गुल read more >>
सजा के मंडी -
गद्दी पे बैठकर ;
ढोंग रचा रहा पाखंडी ,
ले के सब सब से वोट -
आघात किया दे के -
सब को चोट ;
तू भूल गया -
अपना परिचय ,
जो भी है तू -
है � read more >>
लगा के तन मन कर रही कीर्तन -
टहनी - टहनी पे नाच कर ;
जग - जीवन में विहंगिनी महान ,
राग - अनुराग में लिप्त ,
भागी तिमिर -
चमक उठी नील गगन -
पुलकि� read more >>