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रोhit Singh

रोhit Singh

रोhit Singh

@ rohit-singh
, Delhi

" जिंदगी वो ख़्वाब है जिसका आंख खुलते ही हक़ीक़त से सामना हो जाता है "

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My Articles

इस जिंदगी में बहुत से सफ़र है कुछ सफ़र हंसा देता है कुछ सफ़र रुला देता है कभी किसी से अजनबी तो कभी किसी अजनबी को एक पल में अपना बना द� read more >>
नहीं आता मुझे इश्क़ जताना पर प्रेम तुमसे ही हैं नहीं आता कसमे वादों को निभाना पर जो है जैसा है तुमसे ही है नहीं देख पता जी भर तुम्हे� read more >>
तुम चाहो तो कर सकते हो लक्ष्य....जो तुमने ठना हैं गमला तोड़ निकलना होगा यदि पेड़ बनाकर तुम्हें दिखाना हैं माना ये आसान नहीं है नामुम read more >>
मुझे...'मैं' और...तुमसे..'तुम'..खो जाओ..ना कुछ तो ऐसा करो...और..'हम'..हो जाओ..ना..!! read more >>
चलो अपने रोज का सफ़र बताता हूं रोज मेट्रो के पथ से आता जाता हूं मेरे घर से ऑफिस काफी ज्यादा दूर हैं जहां से मैं बैठता हूं बस स्टेशन शा read more >>
संध्या की लाली में जो समुंद्र का रंग हैं उसका चमक हैं बचपन..! हवा में लहरा ते हुए मदहोश फिजाओं के फूलों का मेहक है बचपन..!! ख्वाहि� read more >>
मुद्दत बाद सफ़र मिला हैं..जिंदगी तू अब ठहर मत चलते रहे बस उसी रास्ते..गिन तू अब शहर मत...! जो गुजर रहा हैं उसे बस..अब गुजरने दे तू हंसी ख़ read more >>
ये कसमें ये वादें ना दिया कर सारे टूट जाते हैं....! जरा सी गलतफहमियों में ही अपने रूठ जाते हैं....! यूं तो भागते दौड़ते गुज़र रहा है वक्त अपन read more >>
ये कसमें ये वादें ना दिया कर सारे टूट जाते हैं....! जरा सी गलतफहमियों में ही अपने रूठ जाते हैं....! यूं तो भागते दौड़ते गुज़र रहा है वक्त अपन read more >>
कुछ पल साथ रही फिर साथ छोड़ कर चली गई.... बहते आंखों में वह बस ख़्वाब छोड़ कर चली गई...!! मैं ठहरा रहा उस मोड़ पर उसे देखते हुए बेबस और वह बि� read more >>
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