रोhit Singh 10 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #रोhit Singh #poetry #love 8021 0 Hindi :: हिंदी
कुछ पल साथ रही फिर साथ छोड़ कर चली गई.... बहते आंखों में वह बस ख़्वाब छोड़ कर चली गई...!! मैं ठहरा रहा उस मोड़ पर उसे देखते हुए बेबस और वह बिन कुछ कहे ही राह मोड़ कर चली गई...!! क्या शहर क्या नगर कुछ पता नहीं अब उसका अधूरे इश्क़ में वह फरियाद जोड़ कर चली गई... आई थी वह बसंत की हवाओं के जैसे मुझ में देखते ही देखते मेरी वह सांसे उड़ा कर चली गई...!! बिखरे हैं हम अब सूखे पत्ते की तरह ज़मीन पर उनकी याद आई और मुझ में आग लगा कर चली गई...!!