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संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

संदीप कुमार सिंह

@ sandeep-kumar-singh
, Bihar

I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me.

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बस चाहत का ये मंजर खिलाते रह, अरमा रोज नई और सही सजाते रह। तेरे सारे मुरादें हो जाएंगी पूरी, सिर्फ तूं इरादे नेक रख। लाए नही तुम कुछ अपन read more >>
खुद का खुद से ध्यान रख, ध्यान भी कर, प्यार भी कर। नफरत की गन्दी हरकत दूर कर, यूं ही हसियों और खुशियों में सफर कर। खुवाबो का महल बना, उसे स read more >>
खुद का खुद से ध्यान रख, ध्यान भी कर, प्यार भी कर। नफरत की गन्दी हरकत दूर कर, यूं ही हसियों और खुशियों में सफर कर। खुवाबो का महल बना, उसे स read more >>
बस अपने इरादों को हम देखते हैं, नहीं कोई मतलब जहां के सितम से। तूं आगे बढ़ता जा_बढ़ता जा, रुकावटें बहुत सारी है, सरलता से कुचलता जा_कुचल read more >>
प्यार कभी झुकता नहीं है, ये किसी भी ताकत से डरता नहीं है। प्यार करने वाले मतवाले, एक_दूजे के सिवा कुछ समझता नहीं है। अपने मंजिल की इनको read more >>

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