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My Articles

मंजिल तक हम अकेले ही जा सकते है जरूरत नहीं किसी काबिल की हम खुद ही काबिले तारिफ हैं हा ये बात अलग है कि कोई खास हो सफर में हमसफर बन के read more >>
दो दीन ही मिले जिंदगी के शेर कि तरह मिले आजादी कि दो सौ साल ना मिले जिंदगी के जो भेड कि तरह गुलामी मे गुजरे read more >>
कोइ मजाक मे कुछ ऐसा बोल देता है उसे तो मजाक ही लगती हैं मगर सामने वाले के दिल पे लगती हैं read more >>
हुआ करता था किसी जमाने मे सच्ची मुहब्बत आज कल तो 4G 5G का जमाना हैं एक जाती तो दस आती है अब ना मिलते ऐ दिल लैला मजनू वाला प्यार इस जमाने मे ! read more >>
साल बदल गई आज तारिख बदल गई आज दिन बदल गई आज ना बदली वो आज के जमाने में भी रह के कुछ लोग की पुरानी सोच नहीं बदली read more >>
निकले मंजिल की तलाश में मंजिल तो ना मिली हा मगर रास्तों पे बिछी कटो पे चलने का हुनर जान गए जखम तो बहुत मिला रास्तों मे मरहम तो नहीं read more >>
शमा खुद को अंधेरा मे भी रख कर सारे संसार को रौशन करती हैं read more >>
ऐ जिंदगी कभी फुरसत मे मिलना कुछ सवाल पुछनी है जवाब तो हमारे पास भी है मगर सही या गलत मालुम नही read more >>
Mai anjani se ek pedh hu koi phal na mere pass na koi pool ya khusbu mere pass kash ek kawa v aata jo kar kar karke ye ahsas dilata ki mai ek pedh hu kash mera ek sapna pura hota mere par v koi ghosla banata mere pedh ke dhal ko itna hilata ki ye ahsas hota mujhe ki mai v ek pedh hu piyari to na sahi lekin ek pedh hu read more >>
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