*नदी और किनारे*
नदी बन तुम कुछ इस तरह बह जाते,
हम तुम दोनों किनारों में सिमट जाते,
साथ रहेगा हमेशा पर कभी मिल पाते,
किनारे-किनारे पता नही� read more >>
पल पल परिवर्तित होती दुनिया
कभी बचपन तो ,कभी जवानी
कभी देख बुढ़ापा क्यों हो हैरानी।
न कर तू मोह इस जग का......!
कभी विवाह का मंण्डप कभी
कभ� read more >>
तुम्हारी खामोशियां भी मुझसे कुछ कह जाती हैं
अपने दिल का हाल बयान कर जातीं हैं
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उल्फत में उसकी बड़ा जमाल आया है
कयी अर्� read more >>
"मेरी डायरी के कुछ पन्ने
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आज बादलों ने बहुत खूबसूरत समां बांध रखा था। सुमधुर पवन मस्त बह रहा है।मेरी नींद सुबह सबेरे प� read more >>
"प्रीत बनकर बह जाओ तुम"
नेह के फूल बिखरा जाओ तुम पास आ जाओ
सुलगती यादों को एक बार तो बुझा जाओ
नेह का प्रेम इस पावस ऋतु में बरसा जाओ
उम्मी� read more >>