Meenakshi Tyagi 12 Jul 2023 आलेख समाजिक अपने बचपन को मिस करने वाले सभी भाई बहन। 8908 0 Hindi :: हिंदी
मुझे आज भी याद है कि जब में कक्षा १ या २ में रही हूंगी और मै बिल्कुल ऐसी ही थी जैसे सब बच्चे बचपन में होते है मनमौजी, अपनी ही धुन में। एक दिन स्कूल से होमवर्क में एक इंग्लिश poem याद करने के लिए दी गई, पर मैने वो याद नही की। अगले दिन कक्षा में जब मेरी बारी आई और मैं सुना नही पाई तो मेरे मास्टरजी ने ब्लैक बोर्ड के एक मोटे डंडे से मेरी हथेली पर इतने जोर से मारा की उसकी चोट हथेलियों पर कम और मेरे हृदय पर ज्यादा लगी उस छोटी सी घटना ने मेरे पूरे जीवन को ही बदल दिया और कुछ महीनों बाद मैं अपनी कक्षा की होनहार छात्राओं में से एक थी। इस घटना का मुझ पर इतना गहरा असर हुआ कि यह घटना आज चालीस साल की होने पर भी मुझे याद है। मैं अपने उन गुरु को कोटि कोटि प्रणाम करती हूं जिनकी कृपा से मेरे जीवन में परिवर्तन आया।। 🙏🙏