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आधा है सब जीवन-जिस पर अधिकार तुम्हारा

Sudha Chaudhary 24 Jul 2023 कविताएँ अन्य 8100 0 Hindi :: हिंदी

जलाना तुम  क्यों   सीखे हो
अभिलाषाएं सो जाएंगी
हे प्राण से तुम आ जाओ
जीवन इच्छा मर जाएगी।
मेरे तम से ही मूक हुई
जिस पर अधिकार तुम्हारा था
क्यों रची विधाता ने ऐसी
जिसमें केवल अभिलाषा थी।
प्रतिक्षण ढूंढा है तुम्हें
प्रतिक्षण तुम मेरे मन में
खोई है पूरी जगती
आधा है सब जीवन में।

सुधा चौधरी
बस्ती

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