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आखिर कहां

ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य आखिर कहां 14816 0 Hindi :: हिंदी

रख के सीने पे ज़मी और आसमाँ ले जायेंगे,
ठीक है, लेकिन बतायें तो कहाँ ले जायेंगे?
आप के जाने से हमको है फ़क़त इतना गिला,
साथ अपने आप मेरा भी जहाँ ले जायेंगे,
ख़त्म किस्से हो गये जिनके उन्हे रुख़सत करो,
अब नये क़िरदार आगे दास्ताँ ले जायेंगे,
झूठ इतना बोल कर रुसवा न इस को कीजिये,
घर ख़ुदा के आप क्या काली ज़ुबाँ ले जायेंगे,
जिसको नक्श-ए- पा पे दुनिया के है चलना वो चले,
हम नये रस्ते पे अपना कारवाँ ले जायेंगे,
ढूँढता रह जायेगा तुमको ज़माना और हम,
आँख मे अपनी तुम्हे कर के निहाँ ले जायेंगे,
मूंद कर आँखों को अपनी आप के पीछे चले,
अब कहीं तो आप हम को महरबाँ ले जायेंगे,
सच का लावा होंठ मेरे सिलने से रुकना नही,
हम तो हर सीने मे ये आतिशफिज़ाँ ले जायेंगे,
है मुहब्बत आप को भी हमको खुशफ़हमी सही,
साथ अपने आसमाँ तक ये ग़ुमाँ ले जायेंगे!

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