Bholenath sharma 02 May 2024 कविताएँ समाजिक दो को एक बनाते देखा 1733 0 Hindi :: हिंदी
वह सबसे अच्छा फूल लगता है अब पर न जाने कितनी बार जिया है मर मर कर , फिर भी जीने की आस न छोड़ी खुद मरकर औरो को मिलाते देखा आज उसे मैंने दो को एक बनाते देखा
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