संदीप कुमार सिंह 02 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 6264 0 Hindi :: हिंदी
(दोहा छंद) रिश्तों को रखता बचा, जीवन में है हास। बड़े भाग्य की बात है, रिश्ते नाते खास।। बड़े भाग्य की बात है, सब साधन है आज। और अभी अरमान है,अपना ही हो राज।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....