Sudha Chaudhary 11 Jul 2023 ग़ज़ल अन्य 9354 0 Hindi :: हिंदी
अपने मासूम से खयालों में हमें न याद करो, ना हमें, ना हमारे वक्त को बर्बाद करो। दर्द का दरिया वहां दोगे तो भी कुछ नहीं लेकिन शिद्दत ए गम से ना हमें बेताब करो। मेरी खामोशी को समझ बैठे क्यों अपनी जुबान मुझे डर है कि फिर ना मुझे आबाद करो। मैं बहुत दूर तुम से जा बैठी हूं भूलकर भी अब न कोई आवाज करो। सुधा चौधरी बस्ती