धर्मपाल सावनेर 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत आशिकी # मोहब्बत# जिसे भी है # या थोड़ी थोड़ी हो रही है।#उनके लिए सुंदर,,,,#शायराना अंदाज भरी गजल# धरम# सिंग#राजपूत 7508 0 Hindi :: हिंदी
होता हैं कितना असर देखता हु चलो उनसे मिलाकर नजर देखता हु।। उनकी पड़ी जो मुझपर नजर कभी इधर तो कभी उधर देखता हु।। खबर रखते है वो नजरो की मेरी एक में हु के उसे बे खबर देखता हु।। जब भी देखता हु हसीन नजारे वो ही नजर आए में जिधर देखता हु।। क्यू मोहब्ब्त से डरते हैं लोग क्या हैं मोहब्ब्त करके देखता हु।। धरम सिंग राजपूत 8109708044