Sanjay Thakur 13 Jan 2024 ग़ज़ल अन्य 4202 0 Hindi :: हिंदी
मुझे खुदके हाल मे तन्हा छोड़ दो क्यू बस पूछो मत मे बयां नही कर सकता किस्से तमाम और क्या करोगे तुम भी जानकर ये दस्तूर है दुनिया का बदलते रहना ऐक दिन मे भी बदल जाऊंगा आखिर कबतक मसरूफ रहे हम भी जमाने के लिए अरे छोड़ो और भी किस्से है कई अधूरे बाते बताई नही जानी चाहिए उन्हें चिनवा दो दिल की गहराइयों में कमबख्त दिल तो भरे हम भी दुआए करे हम भी जिंदा रहे संजय