Jyoti yadav 02 Dec 2024 ग़ज़ल अन्य वैसे तेरे शहर का जमाल क्या है 8086 0 Hindi :: हिंदी
यूं तो जमाल है हर शहर का, पर प्यार है तेरे शहर से,।। क्या खास है उस शहर मे, जो गया है तू,मेरे शहर से,।।।।। तु रुक ना सका, मै रोक ना पाई । जब आवाज उस शहर से आईं, बेबस थी मै , लाचार तु भी था, क्या है उस शहर में बता ना भाई,।।। मेरे हाथों मे राखी छोड गए जो तेरे हाथ मे सजानी थीं मै तो आई थी तुझ तक तुम्हे भी तो बधवानी थी ,।।।। तेरी कलाई सुनी थी, मेरे ख्वाब अधुरे रह गए,। तुम्हे याद है ना भाई, तुम हमसे लौटने को कह गए। बहुत हुआ अब ख्याल क्या हैं, जी कहता है तुझे देखने को तेरा हाल क्या हैं, तुम आओगे इक रोज यह जमाल है मेरे शहर का, वैसे वो तेरे उस शहर का जमाल क्या हैं,।।।।।।। विनय यादव ज्योति यादव के कलम से कोटिसा विक्रमपुर सैदपुर गाजीपुर उत्तरप्रदेश