Prashant Kumar 09 Apr 2023 ग़ज़ल अन्य 7141 0 Hindi :: हिंदी
जिन हसीनो के यां नखरे उठाए जाते हैं उनकी आंख से खंजर भी चलाए जाते हैं। वागवान ए गुल के मुंह से सुना हमने हर निगाह में उनकी फूल पाए जाते हैं। कुछ तो बात होगी जो बुग्ज में मुहब्बत में ना वो याद आते हैं ना भुलाए जाते हैं। झगड़ा मोल लेते हैं जानबूझकर जो लोग वो सभी बली के बकरे बनाए जाते हैं। बिन बुलाए आते हैं जो वो बज्म से उनकी हमने ये सुना है जल्दी उठाए जाते हैं। हंसना तो हर लड़की का लक्षण है जन्मोजात जो इसे न समझें उल्लू बनाए जाते हैं। प्रशांत कुमार