[email protected]
Join Us:
Home
Category
कहानियाँ
कविताएँ
ग़ज़ल
गीत
शायरी
आलेख
महत्वपूर्ण सूचनाएँ
Topic
धार्मिक
राजनितिक
प्यार-महोब्बत
हास्य-व्यंग
बाल-साहित्य
समाजिक
देश-प्रेम
दुःखद
साहित्य लाइव सूचनाएँ
अन्य
Videos
Others
Search Articles
Latest Updates
Popular Articles
Testimonials
Video Tutorials
Winner List
How to publish articles
My Account
Login
Register New Account
Forgot Password
Login
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका
साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस
साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
Prashant Kumar
Home
Author
Prashant Kumar
Prashant Kumar
Prashant Kumar
@ prashant-kumar
, Utter Pradesh
I am a writer
Followers:
0
Following:
0
Total Articles:
13
Follow
View Certificate
Share on:
My Articles
दिल चाहता है उनको तनिक पास बुला लें
दिल चाहता है उनको तनिक पास बुला लें लव चूमके अबकी उने बांहों में उठा लें तन्हा किसी को छोड़ना यूं अच्छा नहीं है वो जाते हुए हमको भी आवा
read more >>
क्या तेरी मुहब्बत के मुकाबिल नही हूं मैं
read more >>
अहले हुस्न देकर खुद को कँगाल कर बैठे
अहले हुस्न देकर खुद को कँगाल कर बैठे मुझ गरीब का इतना क्यों ख़याल कर बैठे। ऐसी वैसी तो कोई बात भी नहीं थी खांमखां तिरी बातों का मलाल क
read more >>
इक दौर ऐसा आएगा कुछ ही साल भर में
read more >>
जो इश्क के दरिया में कभी पार नहीं होते
जो इश्क के दरिया में कभी पार नहीं होते वो लोग मुहब्बत के हकदार नहीं होते। उनसे भी कभी पूछो ये जिंदगी क्या चीज है बो जिनके कहीं कोई घर ब
read more >>
हैरान था मैं आपको हैरान देखकर
हैरान था मैं आपको हैरान देखकर ऐसे तुम्हारे हुस्न का ऐलान देखकर। जब इश्क तोलने को तुम्हारा कहा गया मैंने नजर ही मोड़ ली मीजान देखकर।
read more >>
जो लोग मिरे नाम से महबूब रहे हैं
जो लोग मिरे नाम से महबूब रहे हैं वो हल्का ए आगोश में तो खूब रहे हैं। कुछ ना मिला तो उसने मिरा नाम लिखा है खाली न कभी हाथ के मकतूब रहे हैं
read more >>
कुछ इस तरह से अबकी सताया गया मुझे
read more >>
इन मयकदों काअबकी सारा हिसाब कर दे
read more >>
कोई तो याद मेरी कहानी रखे
कोई तो याद मेरी कहानी रखे बेवजह अपनी आंखों मे पानी रखे। रब्त है जब उसे हर नई चीज से सांस क्यों फिर बदन में पुरानी रखे। क्यों न हो हादस
read more >>
« Previous
Next »
Showing
1
to
10
of
13
results
‹
1
2
›
Share on:
Facebook
Twitter
Linkedin
WhatsApp
Pinterest
Telegram
Copy Share Link
Copy
Join Us:
© 2024 |
Sahity Live
®
| All Right Reserved.
A product of
DishaLive™ Group
| Digital Partner:
MyDL.in Website Builder