Poonam Mishra 05 Jun 2023 ग़ज़ल समाजिक न जाने क्यों दिल कुछ कहता है 5167 1 5 Hindi :: हिंदी
आजकल न जाने क्यों ? कांटों पर चलती हूं !! अंगारों में जलती हूं !! न जाने क्यों ? कभी-कभी मैं नींद में भी चलती हूं !! दिल कहता है ,यह समय है यह, भी कट जाएगा , दुख न समझा कर इस समय को! ए दिल !यह दिन !भी यूं ही , गुजर जाएगा ,!न जाने क्यों ? दिल कहता है !कि कुछ देर और ठहर जाऊं !! मैं कहीं पर यूं ही चलते चलते !!पर न जाने क्यों ? मैं यूं ही चलती रहती !! हूं खुद को रोक नहीं पाती हूं!! स्वरचित लेखिका पूनम मिश्रा