Rekha Gill 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत आंचल 163815 0 Hindi :: हिंदी
कल रात तेरे आंचल से लिपट के बहुत रोए हम भिगो आए तेरा आंचल तेरे पहलू में सोए हम छू ना सके सांसे तेरी छू ना सके धड़कन छू ना सके यह दिल तेरा आंचल की छू सके हम तुझसे हसीन तोहफा तेरी खातिर ना ढूंढ पाए कुछ सोच गरीब दिल ही अपना तोहफे में दे आए हम आया ना आपकी जुदाई में कभी मुस्कुराना आपको अपनी हंसी पहले ही दे आए हम तेरी जुदाई का गम होता नहीं है कम फिर से पीने लगे हैं वह बोतल जो तोड़ आए हम रेखा गिल कैथल हरियाणा,