Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 ग़ज़ल प्यार-महोब्बत शगूफा सा वदन की खुशबू 5788 0 Hindi :: हिंदी
तू होती तो कुछ बात होती नज़रों से नज़रों की मुलाकात होती रूह से रूह मिलती हमारी मोहब्बत साकार होती तू होती तो हमारी चर्चा सरेआम होती होठो पे मुस्कन महफ़िल हमारे नाम होती हुस्न खामोश मगर तन से मन की गुफ्तगू होती जिगर अंगारों सा जलता लेकिन आखों से आखों की बात होती शगूफा सा वदन की खुशबू मयकदा की जान होती नज़म बज्म न जाने कहाँ कहाँ मज्लिस में अँधेरे के चिराग होती तू होती तो कुछ बात होती