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क्षणिकाएं-गम्भीर होते हुए भी मेरे सम्बन्धों का टूट जाना

Sudha Chaudhary 12 Aug 2023 कविताएँ अन्य 7248 0 Hindi :: हिंदी

कुछ क्षणिकाएं-

गम्भीर होते हुए भी
मेरे सम्बन्धों का
टूट जाना
याद दिलाता रहा
तुम्हारे 
अनकहे भावों को।

२-
घर में चोरी हुई
सामान की नहीं
मेरे सजाएं प्रेम
आत्मा और मन की।

३-
मां की चौखट पर
कोई और है
जो अपना है
फिर भी नही लगता है
उसकी कड़वाहट
तोड़ती है हर बार।

४-
यादों के सारे में
जो परत जमीं थी
कुरेदने के वावजूद
वह भाव नहीं
उत्पन्न हुए
उस समय
जो महसूस होते थे।

सुधा चौधरी
बस्ती

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