आकाश अगम 30 Mar 2023 गीत प्यार-महोब्बत #भूलना आसान तो नहीं #sad shayari #kavita #प्यार में धोखा खाया आशिक़ #dil ka dard #nivas #निवास #आकाश 'अगम' #रेत पर नाम #sad poetry #आलम-ए-मुहब्बत #Akash Agam #kavi kavita geet Ghajal 117309 0 Hindi :: हिंदी
तुम मुझे भूल जाओगी कैसे सनम मैं निवासी तुम्हारे ख़यालों का हूँ तुमसे पूँछे गए तुम जलीं रात दिन एक उत्तर जगत के सवालों का हूँ। रेत पर नाम तुमने लिखा था नहीं जो कि इतनी सरलता से मिट जायगा तुमने मुझको पढ़ा था, रटा था नहीं कुछ न कुछ तो हृदय में ही बच जायगा मुझको पड़ कर , समझ कर, न समझा कभी एक पन्ना तुम्हारी किताबों का हूँ। आदतें आज तक हैं वही की वही चाह कर भी कभी मैं बदल ना सका सबने चाहा मुझे , मैंने चाहा नहीं जिसको चाहा वही आज मिल ना सका पुष्प हूँ मैं कमल का तुम्हारे लिए उससे पहले निवासी मैं नालों का हूँ। हर गली घूम आया तुम्हारे लिए सोचता था कहीं पर तो टकराओगी मिलती राहत क्षणिक इस ग़लतफ़हमी से धर के सर मेरे सीने पे सो जाओगी मैं दिवाना तुम्हारे हृदय का प्रिये आँख, या होंठ या ना कि गालों का हूँ। अंस देता रहा , तुम मेरा अंश हो अंस से ज़िस्म अपना हटाओ नहीं ग़र बना ली है तस्वीर मेरी कहीं ले रही तुमसे क्या यूँ मिटाओ नहीं भाव तुममें भी थे पर न जागे कभी मैं ख़रीददार उन सब ही भावों का हूँ। चिड़ियाँ सब चहचहातीं तुम्हारे लिए छा रही है उदासी तुम्हारे लिए नीर भारी है ज़्यादा ज़मीं पर भरा भावनाएँ हैं प्यासी तुम्हारे लिए सिर्फ़ दीदार कर लूँ किसी मोड़ पर मैं सताया बहुत इन निगाहों का हूँ। मैं इसी बात से और ज़्यादा दुखी भीख में क्यों न मिलती यहाँ पर ख़ुशी मुझसे ज़्यादा बहुत तेज है धूप का हो रही है जलन , आ रही है हँसी फ़िक्र इज्ज़त या अपयश की है अब कहाँ देख कारण मैं कितने बवालों का हूँ।