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जिंदगी एक शाप की तरह

Barde Jyoti 24 Apr 2023 कहानियाँ अन्य जिंदगी एक शाप 5289 0 Hindi :: हिंदी

हा हा ये शाप हि तो है अगर किसीको हो जाता है तो, वो उस शाप से कभी निकलता नहीं हैं, 
            हमारी मुंगफली कि खेती थी वहाँ पानी देने के लिए मेरे माँ जी और पिताजी जाया करते थे, पर एक दिन उन्हें कुछ काम था इसलिए मुझे और मेरे बडे़ बहन को मुंगफली के खेती को पानी डालने के लिए जाना पड़ा, तब मैं सोला बरस कि थी और बहन बीस साल कि, वो बडी बहन तो थी पर बहोत ही जलाउ और घुस्सेल भी थी, चालाक तो बहोत ही थी हम मुंगफली को पानी देते और कुछ भी जो मण में आए  वो खेल खेलते थे, एक बार हम ऐसे ही एक खेल खेल रहे थें,और उस खेल में जो भी जितेगा उसे कुछ इनाम था और जो हारेगा वो वहां से कच्चे सड़क पर जाने वाले लड़के को बाय बाय करेगा, फिर क्या खेल बहोत अच्छा हुआ पर अफसोस कि हम ही हार गए और हमने वहाँ से जाने वाले  एक लडके को बाय बाय किया, उसके बाद कुछ साल बाद हम जिनके यहाँ मजदूरी कर रहे थें उनके बेटे की शादी थी हम उनके हमेशा के लिए काम करने वाले बने रहे, उनके बेटे की शादी का दिन आ हि गया बहोत प्यारा माहोल था, और हमने एक व्यक्ति को आते हुए देखा लंबा सा, गोरा, क्युट से बाल, ऑखें जैसे चंद्रमा के पौर्णमास के तरह चमकिले,हसीन सी मुस्कान जैसे तलवार के धार जैसे मुछे थी जिन्हें देखकर ऐसा लगता था जैसे, आसमान से उतरा कोई जाना पहचाना अजनबी हो, एक घंटे के लिए हम खुद को ही भुल गये , हमे किसी ने आवाज दी और हम वहाँ चले गए , हमें नहीं पता था कि उनके आखें भी हमें ही देख रही थी और उन्होंने हमें देखतेही पहचान लिया और कहा कि तुम तो वही हो ना जो हमे बाय बाय कर रही थी, हमे कुछ समझ में नहीं आया हम बहुत घबरा गए और वहाँ से हा नहीं करते भाग गए, हम उन्हें तो बहोत ही चाहते थे पर हम इतने मजबूर थे कि उन्हें मिल ही नहीं पा रहे थें, ना हम उनसे बातें कर सकते थे और ना ही हम उन्हें गले लगाकर रो सकते थें हमारे जिवन में खुशीयां आती तो थी पर बहोत दिन तक रूक नहीं सकती थी, जैसे बड़े होते गए वैसे जबाबदारी या आने लगी.दो भाई थे पर वो सिर्फ नाम के लिए सोतेले थे सगा भाई नहीं था, बड़ी बहन थी वो भी सोतेली, आज के जमाने में तो सगे भी काम नहीं आते हैं वो तो सोतेले, छोटी बहन है वो तो छोटी  घर कि सारी जबाबदारी हम पर थी, अगर हम उन्हें ज्यादा ध्यान दे तो मॉऺ को कौन संभालेगा,पढाई भी चल रही थी, वो हमसे मिलने के लिए बहोत तरस ते थे पर हम उनपर ध्यान ही नहीं देते थें, और सबसे बड़ी बात यह थी कि हमारे पिता ने हमे संभाला था, हमारे वो सगे पिताजी नहीं थे पर उन्होंने हमे कभी भी बाप कि कमी नहीं  होने दि हमेशा हमारे हर  ख्वाईश को पुरा किया, हमारी पढाई कि, वो हमारे लिए भगवान से कम नहीं है, तो हम उन्हें धोका कैसे दे सकते हैं, इसलिए हम हमेशा उनसे दुर रहना चाहते थे, प्रेम तो हम उनसे इतना करते हैं कि हम भी नहीं जानते, वो हमें मिलने के लिए हर तरह से प्रयास करते थे पर हम उनसे दुर ही रहते थें, फिर एक दिन हमारे पैरों के निचे से जमीन खिसक गई उनकी, सगाई हो रही थी उस वक्त हमें भी नहीं पता कि हमें क्या हुआ हमारे आखों से मानो गंगा जमुना बह रही हो, हम उनके साथ खडी़ लड़की को देख बर्दाश्त नहीं कर पाए , ऐसा लगा कि एक पल में ही हम अपना जीवन ही समाप्त कर लू , हम सिर्फ रोए जा रहे थें, अखेर हमसे गलती हुई कि हमने उनके पिताजी को बताया कि हम उनसे प्रेम करते हैं हमें नहीं पता था कि इन सब से उन्हें बहोत तकलीफ़ होगी जिनसे हम मोहब्बत करते हैं उन्हें दुख पोहचेगा उनके पिताजी को लगा कि उनके बेटे ने हमारे साथ कुछ गलत किया हैं क्योंकि हम बचपन से सिर्फ दुख देखते आए हैं कभी गरीबी, कभी पढाई का खर्चा, कभी हमपर जलने वाले लोग, कभी भाई जिन्होंने कभी हमे बहन के रूप में हमे अपनाया नहीं, कभी माता को लोगों के कडवे बाते, बेटीयाँ शादी करके जाती है वो मॉं को कभी संभाल नहीं सकती लोगोंके नीच विचार, पर हम उन्हें नहीं खोना चाहते हैं जिनसे हम मोहब्बत करते हैं, हमारे वजह से उन्हें गलत ठहराया गया, अखेर ये प्यार एक शाप नहीं तो क्या है बहोत तकलीफ होती हैं जब हम खुद को ही चोट पर चोट देते हैं, सोचा था पढाई करके नौकरी करु पर बिच मे लॉक डाऊन  पडा सब कुछ बिखर गया ना नौकरी, ना मोहब्बत, माता पिता ने आज तक हमपर  पानी सा पैसा बर्बाद किया और हम समाज के रुढ़िवादी विचारों पर रुके है लड़की ये नहीं कर सकती वो नहीं कर सकती, क्या करे हम भी माता पिता के साथ रहेंगे तो उस मण का क्या, जिसने किसीके लिए जवानी तक को रोख रखा है, अगर मण का सुनते हैं तो उस माता पिता का क्या जिन्होंने उनकी पुरी लाईफ हमे बर्बाद कि हैं, पढाई करे तो लोगों के ताने कबतक कुमारी रहेगी, पढाई करके थोडी माता पिता के काम आएगी , जिंदगी तो जैसे एक शाप कि तरह लग रही हैं , कैसे जिएगा यार इतना दुख लेकर

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