ASHWANI PANDEY ( ADVOCATE ) 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक चलो जिंदगी की नई शुरुआत करें 17105 0 Hindi :: हिंदी
आओ ज़िन्दगी का सिक्का फिर उछालते है, नई शुरुआत करते है, ना हम इस दुनिया के, ना ये दुनिया हमारी, चलो आज किसी के होठों पर मुस्कुराहट, फिर से लाते है। चलो आज एक आँसू और पोछते हैं, चलो अपनी दुनिया बनाते हैं, चलो आज ख्वाबों से आंखे फिर साजते हैं, आज कच्चि सड़को पर फिर दौड़ लगाते हैं, चलो दोस्तों के साथ फिर खिलखिलाते हैं, अपने बीते हुए कल को वापस बुलाते हैं, चलो बारिश के पानी में फिर, नाचते गाते हैं, चलो बेवज़ह मुस्कुराते हैं, चालो यादों को फिर जीते है, आओ मीठी यादें सजाते हैं, आओ ख्वाबों का जहॉं बनाते हैं, बचपन की कहानियां जीते हैं, कुछ नामुमकिन आएज़ू करते हैं, आओ हाथों को फिर से मिट्टी से भरते हैं, चलो बारिश में झूला झुलते हैं, अपना नन्हा आंगन बनाते है, चलो फिर से बच्चे बन जाते है ज़िन्दगी के दौड़ छोड़, कुछ देर राहों पे निगाह दौड़ाते है, ठंडी आंहे भरते हुए, गलतियों को याद करते है, उनपर मुस्कुराते है, उस वक़्त को याद करते है, जब गलतियां भी माफ़ होती थी, जब ज़िन्दगी से गीला शिकवा ना था, जब हम भी बेफिक्र हुआ करते थे, आओ उन किस्से को फिर दोहराते है, ज़िन्दगी को अपने इशारों पे घुमाते है, हाथों की लकीर को छोड़, हाथों से लकीर बनाते हैं, एक तोहफ़ा अपने आप को देते हैं, आओ खुशबू में खो जाते हैं, आओ खुशियों को एक नया मौका देते हैं, आओ गम में घुलकर आँसू बहाते हैं, आओ मुठ्ठी में सारा संसार भर लेते हैं। आओ ज़िन्दगी के सिक्का का पहलू अपने हिसाब से बदलते हैं।।
1.MA (GEOGRAPHY) 2.UGC/NTA/NET (QUALIFIED) 3.UPSC/UPPCS (PREPRATION) 4.UPSC( INTERVIEW)2 TIMES ...