Komal Kumari 26 Nov 2023 ग़ज़ल समाजिक 8573 0 Hindi :: हिंदी
सुना भी कुछ नही, कहा भी कुछ नहीं पर ऐसे बिखरे हैं जिंदगी की कशमकश में कि टूटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं...!!
#Mujhko pasand hai khud Ko hi padhna ek kitab hai mujhmein Jo mujhe aajmati hai. @ham Apne jivan ka...