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प्रेरक कहानी - तीन कुत्ते

Karan Singh 07 Sep 2023 कहानियाँ समाजिक 👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌 प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह/👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌 प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह/तीन कुत्ते/भक्ति/भक्त नामदेव/भक्त सूरदास/सन्त रविदास/महाभारत-विनम्रता की जीत/रामायण/जय श्री राम/भगवान की महिमा/बुढिया की सुई/गुड्डू कब मरेगा/जो ख़ैरात में मिलती जिंदगी/जीजी का घर/👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌 प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह/तीन कुत्ते/भक्ति/भक्त नामदेव/भक्त सूरदास/सन्त रविदास/महाभारत-विनम्रता की जीत/रामायण/जय श्री राम/भगवान की महिमा/बुढिया की सुई/गुड्डू कब मरेगा/जो ख़ैरात में मिलती जिंदगी/जीजी का घर/करण सिंह/सपनों का सौदागर/ 6877 0 Hindi :: हिंदी

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👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌
प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह
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          एक बार एक गाँव में पंचायत लगी थी। वहीं थोड़ी दूरी पर एक सन्त ने अपना बसेरा किया हुआ था। जब पंचायत किसी निर्णय पर नहीं पहुच सकी तो किसी ने कहा कि क्यों न हम महात्मा जी के पास अपनी समस्या को लेकर चलें, अतः सभी सन्त के पास पहुँचे।
          जब सन्त ने गांव के लोगों को देखा तो पुछा कि कैसे आना हुआ ? तो लोगों ने कहा, “महात्मा जी गाँव भर में एक ही कुआँ हैं और कुँए का पानी हम नहीं पी सकते, बदबू आ रही है।”
          सन्त ने पुछा- हुआ क्या ? पानी क्यों नहीं पी सकते हो ?
          लोग बोले- तीन कुत्ते लड़ते लड़ते उसमें गिर गये थे। बाहर नहीं निकले, मर गये उसी में। अब जिसमें कुत्ते मर गए हों, उसका पानी कैसे पिये महात्मा जी ?

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👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌
प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह
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          सन्त ने कहा - 'एक काम करो, उसमें गंगाजल डलवाओ।
          कुएं में गंगाजल भी आठ दस बाल्टी छोड़ दिया गया। फिर भी समस्या जस की तस रही। लोग फिर से सन्त के पास पहुँचे। अब सन्त ने कहा, "भगवान की कथा कराओ।”
          लोगों ने कहा, “ठीक है।” कथा हुई, फिर भी समस्या जस की तस। लोग फिर सन्त के पास पहुँचे। अब सन्त ने कहा, उसमें सुगंधित द्रव्य डलवाओ। सुगंधित द्रव्य डाला गया, नतीजा फिर वही। ढाक के तीन पात। लोग फिर सन्त के पास, अब सन्त खुद चलकर आये।
          लोगों ने कहा- महाराज ! वही हालत है, हमने सब करके देख लिया। गंगाजल भी डलवाया, कथा भी करवायी, प्रसाद भी बाँटा और उसमें सुगन्धित पुष्प और बहुत चीजें डालीं। 
          अब सन्त आश्चर्यचकित हुए और पूछा- कि तुमने और सब तो किया, वे तीन कुत्ते जो मरे पड़े थे, उन्हें निकाला कि नहीं ?
          लोग बोले - उसके लिए न आपने कहा था न हमने निकाला, बाकी सब किया। वे तो वहीं के वहीं पड़े हैं।

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👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌
प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह
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          सन्त बोले - "जब तक उन्हें नहीं निकालोगे, इन उपायों का कोई प्रभाव नहीं होगा।"

          ऐसी ही कथा हमारे जीवन की भी है। इस शरीर नामक गाँव के अंतःकरण के कुएँ में ये काम, क्रोध और लोभ के तीन कुत्ते लड़ते झगड़ते गिर गये हैं।
इन्ही को त्रिगुणमयी शक्तियां कहते हैं ।
*सतोगुण रजोगुण तमोगुण*
 गोस्वामी तुलसीदासगोस्वामी तुलसीदासजी ने लिखा हैजे*
*मोह सकल ब्याधिन्ह कर मूला। तिन्ह ते पुनि उपजहिं बहु सूला॥*
*काम बात कफ लोभ अपारा। क्रोध पित्त नित छाती जारा॥15॥*

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👌*प्रेरक कहानी - "तीन कुत्ते"*👌
प्रस्तुतकर्ता-सपनों का सौदागर....करण सिंह
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भावार्थ
सब रोगों की जड़ मोह (अज्ञान) है। उन व्याधियों से फिर और बहुत से शूल उत्पन्न होते हैं। काम वात है, लोभ अपार (बढ़ा हुआ) कफ है और क्रोध पित्त है जो सदा छाती जलाता रहता है॥

 छुटकारा प्राप्त करने के उपाय के बारे मे तुलसीदास जी समाधान भी लिखते हैं।

*बिन गुरु भवनिधि तरई न कोई ।*
*जे विरन्ची शंकर सम होई।।*

          हम उपाय पूछते हैं तो लोग बताते हैं, तीर्थयात्रा कर लो, गंगा स्नान कर लो, थोड़ा पूजा करो, थोड़ा पाठ। 

          सब करते हैं, पर बदबू उन्हीं दुर्गुणों की आती रहती है। तो पहले इन्हें निकाल कर बाहर करें तभी जीवन उपयोगी होगा।

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🙏🙏

*जो प्राप्त है-पर्याप्त है*
*जिसका मन मस्त है*
*उसके पास समस्त है!!*

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*हमारा आदर्श : सत्यम्-सरलम्-स्पष्टम्*
🕉️🕉️🕉️🌳🌳🙏🙏

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