Chanchal chauhan 03 Nov 2023 कहानियाँ दुःखद किस्मत का खिलौना 22774 0 Hindi :: हिंदी
किस्मत का खिलौना एक बहुत ही दर्द भरी कहानी है एक गरीब लड़की जिसे किस्मत बहुत सताती हैं रुलाती हैं। एक सात साल की लड़की जिसकी मां गुजर जाती हैं। उसके पिता दूसरी सादी कर लेते हैं।उसकी सौतेली मां उस पर बहुत जुल्म करती हैं।उसको बहुत मारती पिटती हैं उससे बहुत काम कराती हैं।उसको पढ़ने भी नहीं देती ।बस उससे घर का सारा काम कराती थी। दूसरों के सामने ऐसा दिखाती थी वह कितनी अच्छी हो।जब उसके रिश्तेदार आते थे तो वह उस लड़की को बहुत अच्छे से रखती थी। बहुत अच्छा व्यवहार करती थी। इसलिए रिश्तेदार को कुछ पता नहीं चलता था।उसके मामा मोसी जब आते थे उनके सामने बहुत अच्छी बन जाती थी।उनकी बहुत खातिर दारी करती थी। इसलिए बतौली मां की सच्चाई किसी के सामने नहीं आती थी। बस पड़ोसियों को पता था ।एक दिन उस लड़की के मामा आये हुए थे।पड़ोस में एक लड़की की सादी थी। वहां उनकी दावत थी।उसकी सौतेली मां ने दावत की वजह से खाना नहीं बनाया था।वह उस लड़की के मामा से कहने लगी आज हमारे पड़ोस में दावत हैं। इसलिए आज खाना नहीं बनाया इसके पापा के साथ खा आना।उस लड़की के पापा पड़ोस में होते हैं वे घूम घाम कर आ जाते हैं।लड़की के पापा कहने लगते थे मेरी तबियत खराब हैं। मैं तो थोड़ा बहुत खा आया।ववली के मामा को रिंकू के साथ भेज देते थे।उसके साथ नाश्ता कर आयेंगे। रिंकू सौतेली मां का लड़का होता हैं।ववली के मामा रिंकू के साथ चले जाते हैं।वे पंडाल में पहुंच जाते हैं। तभी रिंकू के कुछ दोस्त मिलते हैं । रिंकू अपने दोस्तों के साथ हो जाता हैं।उसके मामा अकेले होते हैं। तभी उनके पड़ोसी की नजर उन पर पड़ती हैं।वह पड़ोसी उनके पास आता है।ववली के मामा से कहता है, "क्या आपको ववली के बारे में कुछ पता नहीं है उसकी सौतेली मां उस पर कितना जुल्म करती हैं।उसके मामा हैरान हो जाते हैं नहीं मुझे नहीं पता।उस पड़ोसी ने कहा," उसे बहुत मारती पिटती हैं उससे सारा काम कराती हैं।"उसके मामा को बहुत दुःख होता हैं।वे तभी उस पंडाल से चले जाते हैं।वह घर पहुंच जाते हैं वह ववली से जाकर पूछते हैं ववली डर के मारे कुछ नहीं बताती हैं।वह उसकी मां वहीं खड़ी होती हैं वह कहती हैं भाई सहाब ऐसी कोई बात नहीं हैं।किसी ने आपको बहका दिया हैं। ववली यहां बहुत खुश हैं मैं अपनी बेटी की तरह रखती हूं।उसके मामा कहते हैं, "ठीक है वह ही झूठ बोल रहा होगा।सब अपने कमरे में चले जाते हैं।ववली किशन में सोती थी।वह किचन में थी उसकी सौतेली मां किचन में आई उसके मामा उसकी सौतेली मां पर निगरानी रख रहे थे। उन्होंने उसको किचन में जाते देखा ।वे उसके पीछे चले गये।वह किचन के बाहार खड़े हो गये।वह ववली को डांट रही थी।कह रही थी कुछ बताना नहीं।उसके मामा सुन लेते हैं अन्दर आ जाते हैं।और कहते हैं , "ये हैं तुम्हारा असली रूप हम इतने दिन धोके में रहे।"बेटी फिक्र मत कर कल सुबह ही मैं तूझे यहां से ले जाऊंगा।वह ववली को अपने वाले रुम ले जाते हैं।सुबह होते ही वह ववली को ले जाते हैं। ववली को बहुत खुशियां देते हैं ववली की मामी भी उसको बहुत प्यार करती है।ववली को पढ़ाते दिखाते हैं।ववली की सादी कर देते हैं।ववली के ससुराल शुरू में तो अच्छे होते हैं बाद में अपना रंग दिखा देते हैं।उसका पति दूसरी लड़की के चक्कर में उसे मारता पीटता हैं। वह बहुत दुःखी रहती हैं ।अपने मामा और अपनी मामी को भी नहीं बताती हैं।वह अपने नसीब को कोसती हैं। भगवान मेरे नसीब में सुख लिखना भूल गया। मुझे दुःख में जीवन काटना हैं।ना जाने पिछले जन्म में कैसे कर्म किये जो मुझे भुगतना पड़ रहा हैं।वह किसी से कुछ ना कह पाती हैं।खुद अन्दर घुटती रहती हैं।एक दिन उसकी मामी का फोन आया।तभी उसका पति आ जाता हैं।वह फोन छिपा लेती हैं फोन चलता रहता हैं। उसका पति उसको उसको गाली देता है ,उसको मारता पीटता हैं।इतने में उसकी सांस भी आ जाती हैं।वो भी ववली को उल्टा सीधा कहने लगती हैं।उसकी मामी को सब पता चल जाता हैं।वह बहुत उदास हो जाती है।एक जगह से जो नर्क से निकाला था।मेरी बच्ची दूसरी जगह भी नरक में पहुंच गई।वह ववली के मामा से सारी बात बताती हैं।ववली के मामा मामी सुबह ही ववली के घर पहुंच जाते हैं।उसको अपने साथ ले आते हैं।किसी बहाने से जब घर ले आते है तब उसके ससुराल वाले से सब बातें कहते हैं।उनको बढ़िया से सुनाते हैं।किसी की बेटी प्यार इज्जत दो ना कि उसे दुःख।किसी लड़की की जिंदगी खराब मत करो।ववली ने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया और सिलाई का काम भी ।अपना खर्चा खुद उठाने लगी।ववली सीधी सादी लड़की थी अपने लिए आवाज नहीं उठा पाई। लड़की पर अगर ससुराल कहीं भी अत्याचार होता हैं तो उसे आवाज उठानी चाहिए।ना कि उसका जुल्म सहना चाहिए इससे दुष्ट लोगों को बढ़ावा मिलता हैं। लड़की लक्ष्मी का रूप होती हैं उसका सम्मान करें।किसी का दिल ना दुखायें।
Mera sapna tha apne bicharo ko logo tak phunchana unko jiwn ki sikh ,prerna dena unmai insaniyat jag...