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तुम से मोहब्बत करने की कोई वज़ह नज़र नहीं

Mukesh Namdev 10 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 5090 0 Hindi :: हिंदी

"तुम"
"तुम से मोहब्बत करने की कोई वज़ह नज़र नहीं आती है
बस नज़र आती हो तो तुम
हर बात में तुम,हर ख़यालात में तुम,
हर सुबह में तुम,हर शाम में तुम,
हर पल में तुम, हर छिन्न में तुम,
पूर्व में तुम,पश्चिम मे तुम,
उत्तर में तुम,दक्षिण में तुम,
आकाश में तुम,पाताल में तुम,
मेरे एहसास में तुम,मेरे मन की व्याकुलता में तुम,
मेरी खुशी में तुम,मेरे गम में तुम,
मेरी देह में तुम, मेरी परछाई में तुम,
मन में तुम,मेरे तन में तुम,जहाँ भी देखों वहाँ भी तुम,
मेरे लिये पाना भी तुम,मेरे लिये खोना भी तुम,
मेरी जिन्दगी की हर तस्वीर में तुम,मेरे जीवन की नायब खोज भी तुम,
मेरे लिये खुदा भी तुम, मेरे लिये ईश्वर भी तुम,
मेरी भक्ति भी तुम,मेरी शक्ति भी तुम
मेरी आखरी साँस में भी नज़र आती हो तो तुम,"
                       #Mukesh Namdev

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