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बढ़ते चलो तुम राह पथिक-कही गिर भी गए तो संभल जाना

Bhagyashree Singh 02 Nov 2023 कविताएँ अन्य #Motivational#Poems#Like#Share 5175 0 Hindi :: हिंदी

चलो बढ़ते चलो........

चलो बढ़ते चलो तुम राह पथिक,
कही गिर भी गए तो संभल जाना,
मंज़िल को तुम्हे गर पाना है,
तो निरंतर चलते चले जाना ।

पग पग में मिलेंगे अवरोध कई,
विषम व्यवधान निर्विरोध कई,
होना ना भ्रमित तुम कभी इनमें,
कर अथक प्रयास हो विजयी सभी में ।

संघर्ष से कभी घबराना नही,
जो मिले ललकार,अकुलाना नही,
जीवन है चलित प्रयत्न सहित,
सुख दुख का चक्र है पक्ष रहित,

तुम शूरवीर राणा प्रताप और 
पृथ्वीराज से लेके सीख,
प्रण लो प्रयत्न करते रहोगे,
जब तक ना मिलेगी लक्ष्यजीत ।

कदमों को बढ़ाकर चलते चलो,
कही गिर भी गए तो संभल जाना,
मंज़िल को तुम्हे गर पाना है,
तो निरंतर चलते चले जाना ।

    
                                                         मेरी कलम से 
                                                     भाग्यश्री सिंह 🖋

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