Santosh kumar koli ' अकेला' 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मीठे बोल 92496 0 Hindi :: हिंदी
अरे नर मीठा -मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। कुछ मत दो, मीठा बोल दो, बोलने का फेर। सब कुछ दे दो, कड़ा बोल दो, किया- कराया ढेर। मीठे बोल से भरो ख़ज़ाना, यह रत्न घड़ा। अरे नर मीठा -मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। वश में करना सब चाहे, बोल नहीं कोई जाने। सौ, लाखों में विरला नर ही, बोल का तोल पहचाने। फेरब भी फ़ैयाज़ बने, यह वशीकरण कड़ा। अरे नर मीठा -मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। कई अस्त्र दुनिया में, बोल अस्त्र निराला। कोई अस्त्र वापस नहीं लौटे, इसे भोगे चलाने वाला। बोल का घाव कभी नहीं भरता, घायल योद्धा रण क्षेत्र पड़ा। अरे नर मीठा- मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। बोलने से पहले मन में, तीन बात लें सोच। सत्य हो, खारा न हो, दिल को लगे न मोच। ऐसा बोल कभी मत बोलो, जो हो बोल कड़ा। अरे नर मीठा- मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। वह व्यापारी बड़ा, जो बोल का करता है तोल। मोटा बोल कभी मत बोलो, यह दुनिया है गोल। संतोष हिय में तराजू ,बोल का वहां धड़ा। अरे नर मीठा- मीठा बोल, बोल का मोल बड़ा। बोल का मोल बड़ा।