Join Us:
20 मई स्पेशल -इंटरनेट पर कविता कहानी और लेख लिखकर पैसे कमाएं - आपके लिए सबसे बढ़िया मौका साहित्य लाइव की वेबसाइट हुई और अधिक बेहतरीन और एडवांस साहित्य लाइव पर किसी भी तकनीकी सहयोग या अन्य समस्याओं के लिए सम्पर्क करें

चाहत ना मुझे शोहरत की-ना खूब सजने संवरने की

Ranjana sharma 17 Sep 2023 कविताएँ दुःखद चाहत ना मुझे#Google# 4031 0 Hindi :: हिंदी

शोहरत की ना चाह मुझे
ना चाह कोई महल की
सोने चांदी का भी ना शौक मुझे
ना खूब सजने संवरने की

जिस चीज की चाह है मुझे
उस चीज की कीमत ही नहीं
पर फिर भी नहीं मिल पाई मुझे
जो इस दिल में चाह है मेरी

क्या मांग लिया
 मैंने ऐसा भी
जो मुंह मोड़ के
 बैठा हैं मुझसे कोई

ना उसे कोई पैसे से तौला जा सकता है
ना उसका कोई मोल लगा सकता है
ना वो बिकाऊ है ना ही 
उसका कोई ठहराव है

जो चीज की मैंने मांग कर ली
वो चीज उन सबसे परे है
पर फिर भी कोई देने में
इतना सोच रहा है


ना चाहत मुझे पैसों की
ना चाहत मुझे धन दौलत की
ना चाहत मुझे खूब दिखाने की
ना चाहत मुझे रानी बनने की

बस एक चीज की चाहत थी
जो श्री कृष्ण जी ने
अपनी राधा को दिया
जो रांझे ने अपनी हीर को दिया
वही तो चाहा था बस 
क्या ज्यादा चाहत थी मेरी
                 धन्यवाद

Comments & Reviews

Post a comment

Login to post a comment!

Related Articles

शक्ति जब मिले इच्छाओं की, जो चाहें सो हांसिल कर कर लें। आवश्यकताएं अनन्त को भी, एक हद तक प्राप्त कर लें। शक्ति जब मिले इच्छाओं की, आसमा read more >>
Join Us: