Ruby Gangwar 27 Feb 2024 कविताएँ दुःखद ऐ जिंदगी, जिंदगी का सार, शांति 20475 0 Hindi :: हिंदी
ऐ जिंदगी यूं परेशान न कर, मुझे अपने सपने सजोने दिया कर, रोज़ सजाती हूं अरमानों को अपने, कम से कम उन्हें टूटने तो मत दिया कर, थक चुकी हूं लड़ – लड़ कर ऐ जिंदगी, कभी तो कुछ शांति के पल गुजारने दिया कर, सोचती हूं अब तो निकल जाऊंगी दर्द के भंवर से, फिर मेरी और उलझनें तो मत बढ़ाया कर, जमाने बीत गए खुलकर मुस्कराए हुए, कभी मुस्कराने का मौका तो दे दिया कर, बहुत आगे निकल गई हूं जिंदगी में, चल सके तो अब भी साथ चल मेरे इस मुश्किल डगर में, लिख चुकी जिंदगी का सार अपनी इस कलम से, मत खोने दे मुझे ऐ जिंदगी इस मुश्किल सफ़र में।।