संदीप कुमार सिंह 01 Jul 2023 कविताएँ समाजिक मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी लाभान्वित होंगें। 4927 0 Hindi :: हिंदी
कुंडलिया छंद नूतन साल खुशियां भरे,लाए मधुर बहार। जीवन सुरभित खूब हो, दिल में हो अति प्यार।। दिल में हो अति प्यार,चाह पूरी हो सबकी। सबमें झलके जोश,करें मत चिन्ता कलकी।। करूं सार्थक आज,विदा कर साल पुरातन। स्वागत करिए खास,साल आया है नूतन।। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍🏼 जिला:_सस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....