Ujjwal Kumar 01 Jan 2024 कविताएँ समाजिक 2023 से सीख-संपूर्ण वर्ष के लेखा जोखा write ✍️ by ujjwal Kumar 9080 0 Hindi :: हिंदी
जीवन में कुछ दाग लगा कुछ दाग साफ हुए। मतलबी दुनियां थी मतलबी पन के शिकार भी हुए।। जीवन में अनगिनत किस्से कहानी गुजर गए। हम जहां से चले थे वही पर आज ठहर गए।। चकनाचूर हुआ 2023 का हर वो सपना। जिसके लिए बुने थे हमने कई कई सपना।। सिखाकर जा रहा है यह साल भी कई सीख । मिला नही जीवन को मेरे सपनो का भी भीख।। ✍️ युवा रचनाकार उज्ज्वल कुमार