नरेंद्र भाकुनी 20 Feb 2024 कविताएँ देश-प्रेम Bharat, India, dellhi, world, 🇺🇸, 🇬🇧, 🇯🇵, 🇷🇺, पाकिस्तान, kashmeer, south Africa🇿🇦, uttrakhand, Instagram, google, love 1705 0 Hindi :: हिंदी
मैं भारत कहाँ हूँ? कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी,कांचीपुरम,पहाड़ में हूँ। कहीं कोकिल की आवाज़ हूँ 'मै' ,कहीं सिंहों की दहाड़ मे हुँ।। कहीं हिमाद्रि से बहती सरिता, कहीं जमुना जैसी खिलती हूँ। मेरे मन की इच्छा हैं बस , सागर में जो मिलती हैं।। सात सुरों की यहीं सादगी, कहीं घुली हुई रंगोली हैं। कहीं दीप से जलकर दीपक जलता, कहीं मानवता की होली हैं।। मैं रात -रात का ध्रुव जो बन कर, चमक उठा जो तारा। कहीं मन की मोहिनी दिल को हरकर झरनों की निर्मल धारा।। कहीं फूलों की मैं घाटी बन कर, मैं थाल सजाकर आरत हूँ। मैं सबके दिलों मे रोज बसा हूँ, मैं भव्य रूप का भारत हूँ।। मैं बौद्ध भी हूँ, मैं रामकृष्ण, मैं वीर शिवाजी की तलवार। पृथ्वीराज कहीं हूँ मै, मैं महाराणा का हूँ आधार।। - नरेंद्र भाकुनी ,अल्मोड़ा (उत्तराखंड)