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उलझ सी गई है जिंदगी हमारी-आंखों में है आंसू हमारे

Ravina pareek 18 Jul 2023 कविताएँ दुःखद जिंदगी की उलझनें 9424 0 Hindi :: हिंदी

उलझ-सी गई है जिंदगी हमारी,
इन उलझनों को हम सुलझाएं कैसे?

उलझनें है धागों-सी,
बड़ी गांठों को सुलझाएं कैसे?

आंखों में है आंसू हमारे,
आंसुओ को छुपाए कैसे?

उलझ- सी गई है जिंदगी हमारी,
इन उलझनों को हम सुलझाएं कैसे?

अंधेरा- सा है चारों ओर हमारे,
उजाले को हम लाएं कैसे?

मुरझा- सी गई है आशाएं हमारी,
इन्हें हम महकाए कैसे?

डूब गई है जीवन की नैया हमारी,
किनारे पर हम जाएं कैसे?

उलझ-सी गई है जिंदगी हमारी,
इन उलझनों को हम सुलझाएं कैसे?

Writer-Ravina pareek ✍️✍️

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