Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ राजनितिक राज नैतिकता कहा गई 61280 0 Hindi :: हिंदी
प्रजा तंत्र पराजित लोकतंत्र के अनोखी अलौकिक उन्मूलन से लोकतान्त्रिक अधिकार का हो रहा खूब फायदा कुछ भी बोलो किसी को बोल दो चाहे राजा या व्यापारी या हो रंक बोलने की यैसी आजादी चाहे देश हो जाये विध्वंश इस उलटी पुलटि राजनीती का राज नैतिकता कहा गई बड़ी बड़ी बातों का किये गए उस वादों का मैं देश बदलने आया हूँ माँ गंगा ने बुलाया हैं उनका क्या जो भौक रहे गली गली जो नोच रहे कुछ तो करो उनका भी जो मंदिर में मस्जिद और शिव लिंग ढक रहे कही दंगा तो कही फसाद निर्दोष के गर्दन काट रहे हाथ जोड़ प्राथना हैं अभिलाषा हैं कामना और मेरा अभिनन्दन हैं बस कुछ करिये आपको मेरा अभिवादन हैं