Kranti Raj 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 35965 0 Hindi :: हिंदी
मेरी ताकत को कौन बताए, जो लिखे वो समझाए ! मेरा लिखा मिट न पाए , लिख दे ,किसी का तकदीर , जीते जागते आदमी भी बन जाए ,फकीर ! रूठ जाऊ तो मेरा नसीब का खेल बिगड़ जाता है , लिखने वाला आदमी भी अपना नसीब को कोष्टा , कभी हार कभी जीत का गाथा सब को सुनाता ! क्रांतिराज