संदीप कुमार सिंह 26 Jun 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत मेरी यह कविता समाज हित में है। जिसे पढ़कर पाठक गण काफी रोमांचित होंगें। 4324 0 Hindi :: हिंदी
(मुक्तक छंद) हम तुम दोनो मिल गए प्यार का फूल खिल गया। चारों तरफ अपने प्यार का पराग फैल गया। और ये शाम_सुबह अपने प्यार के नाम हुआ_ अब तो यही बयान नित ही सरेआम हो गया। (स्वरचित मौलिक) संदीप कुमार सिंह✍️ जिला:_समस्तीपुर(देवड़ा)बिहार
I am a writer and social worker.Poems are most likeble for me....