Saurabh Sonkar 07 Feb 2024 कहानियाँ बाल-साहित्य भगवान गुम हो गए ! पड़ोस की बस्ती में दो भाई थे। छोटे की उम्र 7 साल बड़े भाई की उम्र 9 साल थी । दोनों बहुत शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आ चुका था। बच्चों के माता-पिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों शैतान क्या शैतानी करें। महाकुम्भ का महीना खतम ही हुआ था अधिकतर साधु संत संगम से अपने निवास को प्रस्थान कर रहे थे उसी समय एक दिन मोहल्ले में एक साधु आया। और कुटिया बनाकर बस्ती के किनारे रहने लगा । बस्ती के लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा हैं। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका तो कल्याण हो जाता है। पड़ोसियों ने बच्चों की माँ को सलाह दिया कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुद्धि कुछ ठीक हो जाये। माँ को मोहल्ले के लोगों की बात ठीक लगी। पड़ोस को चाची ने आशंकित हो यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये नहीं और भी कुछ अनिष्ट हो । अगले ही दिन माँ छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु महराज को नमन करते हुये माँ ने सारी बातें बताई और अपने पुत्र के सुधार हेतु उस साधु से आशीर्वाद की कामना की। साधु ने उस बच्चे को अपने पास कुटिया के भीतर बैठा लिया और माँ से बाहर जाकर इंतिजार करने को कहा । साधु ने बच्चे से पूछा – ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?” बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर एक टक देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा – ”मैं क्या पूछ रहा हूँ ..? भगवान कहां है ?” बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु की ओर एक टक हैरानी भरी नजरों से देखता रहा। अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से कुटिया से बाहर की ओर भागा। साधु ने जोर से आवाज दी पर वह रुका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। तभी बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे छुपते हुये देख लिया और छोटे भाई से पूँछा – ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?” बच्चे ने घबराये स्वर में कहा - ”भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा - ”पर हुआ क्या ?” छोटे भाई ने बड़े ही मासूमियत, गंभीरता भरे अंदाज में कहा - ”अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गए हैं और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है..!" 26199 2 5 Hindi :: हिंदी
भगवान गुम हो गए ! पड़ोस की बस्ती में दो भाई थे। छोटे की उम्र 7 साल बड़े भाई की उम्र 9 साल थी । दोनों बहुत शरारती थे। उनकी शैतानियों से पूरा मोहल्ला तंग आ चुका था। बच्चों के माता-पिता रातदिन इसी चिन्ता में डूबे रहते कि आज पता नहीं वे दोनों शैतान क्या शैतानी करें। महाकुम्भ का महीना खतम ही हुआ था अधिकतर साधु संत संगम से अपने निवास को प्रस्थान कर रहे थे उसी समय एक दिन मोहल्ले में एक साधु आया। और कुटिया बनाकर बस्ती के किनारे रहने लगा । बस्ती के लोगों का कहना था कि बड़े ही पहुंचे हुये महात्मा हैं। जिसको आशीर्वाद दे दें उसका तो कल्याण हो जाता है। पड़ोसियों ने बच्चों की माँ को सलाह दिया कि तुम अपने बच्चों को इन साधु के पास ले जाओ। शायद उनके आशीर्वाद से उनकी बुद्धि कुछ ठीक हो जाये। माँ को मोहल्ले के लोगों की बात ठीक लगी। पड़ोस को चाची ने आशंकित हो यह भी कहा कि दोनों को एक साथ मत ले जाना नहीं तो क्या पता दोनों मिलकर वहीं कुछ शरारत कर दें और साधु नाराज हो जाये नहीं और भी कुछ अनिष्ट हो । अगले ही दिन माँ छोटे बच्चे को लेकर साधु के पास पहुंची। साधु महराज को नमन करते हुये माँ ने सारी बातें बताई और अपने पुत्र के सुधार हेतु उस साधु से आशीर्वाद की कामना की। साधु ने उस बच्चे को अपने पास कुटिया के भीतर बैठा लिया और माँ से बाहर जाकर इंतिजार करने को कहा । साधु ने बच्चे से पूछा – ”बेटे, तुम भगवान को जानते हो न ? बताओ, भगवान कहां है ?” बच्चा कुछ नहीं बोला बस मुंह बाए साधु की ओर एक टक देखता रहा। साधु ने फिर अपना प्रश्न दोहराया । पर बच्चा फिर भी कुछ नहीं बोला। अब साधु थोड़ी नाराजगी प्रकट करते हुये कहा – ”मैं क्या पूछ रहा हूँ ..? भगवान कहां है ?” बच्चे ने कोई जवाब नहीं दिया बस मुंह बाए साधु की ओर एक टक हैरानी भरी नजरों से देखता रहा। अचानक जैसे बच्चे की चेतना लौटी। वह उठा और तेजी से कुटिया से बाहर की ओर भागा। साधु ने जोर से आवाज दी पर वह रुका नहीं सीधा घर जाकर अपने कमरे में पलंग के नीचे छुप गया। तभी बड़ा भाई, जो घर पर ही था, ने उसे छुपते हुये देख लिया और छोटे भाई से पूँछा – ”क्या हुआ ? छुप क्यों रहे हो ?” बच्चे ने घबराये स्वर में कहा - ”भैया, तुम भी जल्दी से कहीं छुप जाओ।” बड़े भाई ने भी पलंग के नीचे घुसने की कोशिश करते हुये पूछा - ”पर हुआ क्या ?” छोटे भाई ने बड़े ही मासूमियत, गंभीरता भरे अंदाज में कहा - ”अबकी बार हम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस गये हैं। भगवान कहीं गुम हो गए हैं और लोग समझ रहे हैं कि इसमें हमारा हाथ है..!"