Chinta netam " mind " 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्यार मोहब्बत इश्क 18278 0 Hindi :: हिंदी
//... अंतर्द्वंद ...// --------- --------- --------- मन की भट्टी , तपती भावनाएं , देती यातनाएं मुझे मेरी ही कामनाएं ...! देखता हूं प्रेम से , जब तुम्हारी ओर मैं दरिया के उस पार , खड़ी हो शमशान में ...! असंभव है अब मिलन , दिन जो है ढल गया स्याह काली रात में, भटकती हैं आत्माएं ...! मन की भट्टी , तपती भावनाएं देती यातनाएं मुझे , मेरी ही कामनाएं ...! जिस्म किसी और का , चाहत किसी और से जरूरत कोई पूरी करे , जरूरत किसी और का ...! कैसा वक्त , कैसा अंधकार , बीच मझधार खोई पतवार जीत /हार जाता हूं खुद से , कैसी हैं ये विडम्बनाएं ...! मन की भट्ठी ,तपती भावनाएं देती यातनाएं मुझे मेरी ही कामनाएं...! मृग-तृष्णा के रेगिस्तान में , असहाय चला जाता हूं दुनिया के इस मेले में , खुद को अकेला पाता हूं ...! रंजिश नहीं किसी और से , खुद से लड़ा जाता हूं मन का मौसम है पतझड़ , गमों की आंधियां ,बढ़ रही हैं विपदाएं ...! मन की भठ्ठी और तपती भावनाएं देती यातनाएं मुझे मेरी ही कामनाएं...! कब तक चलेगी,कहां रुकेगी , यहां किसे है खबर बस चली जा रही है , नहीं है कोई रहबर ...! सोचता हूं इस राह में , और कब तक चलना है ना कोई ठौर ना ठिकाना , बस नोंच रहीं तन्हाएं....! मन की भट्टी और तपती भावनाएं , देती यातनाएं मुझे मेरी ही कामनाएं...! चिन्ता नेताम "मन" नगर पंचायत डोंगरगांव ( छ. ग.)